श्रीलंका सरकार ने खत्म किया आपातकाल
BREAKING
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह शनिवार को गुजरात के आणंद में देश के पहले राष्ट्रीय स्तर के सहकारी विश्वविद्यालय “त्रिभुवन” सहकारी यूनिवर्सिटी का भूमि पूजन और शिलान्यास करेंगे शॉकिंग! 12 साल के स्टूडेंट की साइलेंट हार्ट अटैक से मौत; स्कूल गेट पर अचानक थमा जिंदगी का सफर, सातवीं क्लास में पढ़ रहा था हरियाणा के सोनीपत में भयानक हादसा; हाईवे पर ट्रक से स्कॉर्पियो की टक्कर, भीषण आग लगी, 3 दोस्तों की मौत, एक की हालत गंभीर सगे फूफा के प्यार में पत्नी ने पति की हत्या करवाई; सुपारी देकर शूटर हायर किए, लोकेशन भेज रही थी, 45 दिन पहले ही हुई थी शादी तालिबान को कहां से मिल सकती है असली मान्यता? जान लीजिए क्या हैं इसके नियम

श्रीलंका सरकार ने खत्म किया आपातकाल

श्रीलंका सरकार ने खत्म किया आपातकाल

श्रीलंका सरकार ने खत्म किया आपातकाल

श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने करीब दो हफ्ते बाद देश में इमरजेंसी हटाने की घोषणा कर दी है। सरकार के खिलाफ भारी विरोध के चलते राष्ट्रपति गोटबाया ने 6 मई की आधी रात को देश में आपातकाल का ऐलान कर दिया था। हीरू न्यूज के मुताबिक राष्ट्रपति सचिवालय ने कहा कि शुक्रवार आधी रात से देश में आपातकाल की स्थिति हटा ली गई है। माना जा रहा है कि देश में कानून व्यवस्था की स्थिति को सुधारने के लिए ये कदम उठाया गया है। आपातकाल के दौरान पुलिस और सुरक्षा बलों के पास मनमाने ढंग से लोगों को गिरफ्तार करने और हिरासत में लेने का अधिकार था।

दरअसल श्रीलंका में एक बड़ी आबादी जबर्रदस्त आर्थिक संकट के पीछे राजपक्षे परिवार को दोषी मानता है। यही वजह है कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर जनता सड़कों पर निकल गई और जमकर हिंसा हुई। इसे देखते हुए राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने देश में आपातकाल लागू करने की घोषणा कर दी थी। प्रधानमंत्री  महिंद्रा राजपक्षे के इस्तीफे के बाद देश में सरकार समर्थक और सरकार विरोधी  प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़पों में 9 लोगों की मौत हुई थी जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।

गौरतलब है कि 1948 में ब्रिटेन से स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद से श्रीलंका अपने सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। यह संकट आंशिक रूप से विदेशी मुद्रा की कमी के कारण हुआ है, जिसका मतलब है कि देश खाद्य पदार्थों और ईंधन के आयात के लिए भुगतान नहीं कर सकता। श्रीलंका में मुद्रास्फीति की दर 40 प्रतिशत तक पहुंचने वाली है। भोजन, ईंधन और दवाओं की कमी के अलावा बिजली संकट के चलते जनता आक्रोशित है और सरकार के खिलाफ खुलकर खड़ी हो गई है।